शुक्रवार, 13 जनवरी 2012

सहभाग का आह्वान

भातमाता के महान सपूत जो आगे चल कर विश्व के आदर्श बने ऐसे स्वामी विवेकानन्द ने कहा था, ‘‘ना तो मैं भविष्य में देखता हूँ ना ही भविष्य की चिन्ता करता हूँ। किन्तु एक दृश्य मेरे सम्मुख जीवित स्पष्टता से दिखाई देता है कि हमारी यह प्राचीन भारतमाता पुनः एक बार जागृत हो चुकी है और अपने सिंहासन पर पूर्व से भी अधिक आलोक के साथ विराजमान है। आइए! शान्ति एवं मंगल वचनों से पूरे विश्व के सम्मुख इसकी उद्घोषणा करें’’
स्वामीजी की 150 वीं जयंति हम सब के लिये राष्ट्रीय महायज्ञ में योगदान का अवसर है। हमारे समर्पण से समस्त मानवता के जागरण में सहयोग होगा और स्वामीजी का स्वप्न ‘‘भारत जागो! विश्व जगाओ!!’’ साकार होगा।
आप भी सहभागी बन सकते हैं।
  •  प्रकाशनों को प्रायोजित कर
  •  होर्डिंग, स्टीकर्स, पोस्टर, पत्रक तथा विज्ञापनों के माध्यम से समारोह का संदेश प्रचारित कर
  •  आगामी दो वर्ष पूर्णकालिक के रूप में समय देकर
  •  अपने नगर में समारोह के आयोजन हेतु कार्यकर्ता के रूप में पंजीयन कर
  •  दान देकर व संग्रह में सहयोग कर
  •  कार्यालय, कार्यक्रम, साहित्य विक्रय के लिये स्थान उपलब्ध करा कर
  •  प्रदर्शनियों तथा प्रचार सामग्री के सज्जांकन में सहयोग कर
  •  विवेक ग्राम, विवेक बस्ती को गोद ले कर

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